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स्वर्गीय श्री प्रताप चंद्र जैसवाल जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
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स्वर्गीय श्री प्रताप चंद्र जैसवाल जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"स्वर्गीय श्री सुनहरी लाल आजाद जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"जैसवाल राजघाट आश्रम का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 996839612 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"अखिल भारतीय वैश्य बंधु सभा के अध्यक्ष श्री राम प्रकाश जैसवाल द्वारा एक कमेटी का गठन करके वृंदावन में समाज हित में कार्य करते हुए वृंदावन में जैसवाल धाम बनाने की योजना को कार्यान्वित करते हुए 500 वर्ग गज की एक भूमि का अधिग्रहण किया गया है जिस पर भविष्य में जैसवाल धाम के नाम से एक भव्य भवन का निर्माण समाज हित में किया जाएगा इस भूमि का आवंटन करवाने के मैं हमारे गणमान्य ट्रस्टी जिन्होंने 11 लाख व ढाई लाख रुपए की सहयोग राशि देकर समाज को आगे बढ़ाने के लिए अतुलनीय सहयोग दिया है जिसके लिए समस्त जैसवाल वैश्य समाज हार्दिक अभिनंदन करता है आने वाले समय में इस भूमि पर जैसवाल धाम के नाम से एक भव्य इमारत का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा जिसमें समाज के सभी लोगों से आग्रह है कि अपना दिल खोलकर समाज हित में सहयोग राशि देकर एक धार्मिक कार्य को पूरा कराने के लिए अपना उत्तर दायित्व निभाए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बन सके कि हमारे पूर्वजों ने एक पवित्र नगरी वृंदावन में एक ऐसे भवन का निर्माण कराया जिसमें समस्त जैसवाल समाज और अन्य यात्री गणों को वृंदावन में श्री महाराज जी के दर्शन करने आते हैं वह भी इसका लाभ उठा सकें।
"सक्षम गुप्ता पुत्र श्री उमाकांत गुप्ता पुत्र स्वर्गीय श्री जगदीश चंद जैसवाल पूर्व ब्लाक प्रमुख माता श्रीमती उषा गुप्ता निवासी इगलास अलीगढ़ ने समस्त उधमपुर जिले में और अपने ग्रुप में सबसे कम उम्र के साथ साइकिल रेस में तृतीय स्थान प्राप्त किया जिन्हें जिला लेवल की समिति ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है इसके लिए उन्हें समाज वैश्य समाज हार्दिक बधाई अभिनंदन करता है सहमति से श्री उमाकांत गुप्ता फोन नंबर 98682 50424
"स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री बद्री प्रसाद दिव्य जी का विवरण तकनीकी खराबी से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"समाजसेवी स्वर्गीय श्री प्यारे लाल गुप्ता जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"सर्जन रिअर एडमिरल डॉक्टर गिरीश गुप्ता जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"लेफ्टिनेंट कर्नल डॉक्टर विवेक गुप्ता जी का विवरण तकनीकी खराबी की वजह से वेबसाइट से डिलीट हो गया है अगर किसी सज्जन के पास हो तो 9968396126 व्हाट्सएप पर साझा करें।
"श्रीमान राम जैसवाल निवासी अजमेर जन्म 15 जुलाई 1937 हिंदी साहित्य की एक जानी मानी हस्ती है इनको भारत के राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है आपको राजस्थान साहित्य अकादमी ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया है यह जैसवाल वैश्य विकास सभा के लिए गर्व की बात है संपूर्ण समाज आपको हार्दिक बधाई कर जैसवाल रत्न में सम्मिलित करता है।
"आदर्श नंदन गुप्त पुत्र स्वाधीनतासेनानी स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश पता ए 3, सीताराम कालोनी, बल्केश्वर रोड, आगरा (उत्तर प्रदेश) जन्म तिथि 2 नवंबर सन् 1962 शैक्षिक योग्यता एमए (समाजशास्त्र) पत्रकारिता साप्ताहिक व दैनिक स्वराज्य टाइम्स (सन् 1980 से लेकर सन् 1991 तक। अमर उजाला सन् 1991 लेकर सन् 2001 तक दैनिक जागरण सन् 2001 से (संप्रति वरिष्ठ उपसंपादक)
संपादन
स्व.प्रतापचंद जैसवाल स्मृति ग्रंथ के प्रधानसंपादक (सन् 2008) पूरनचंद मांगलिक अभिनदन ग्रंथ मंगल सकल्प (2009) जनकपुरी स्मारिका बल्केश्वर (2002) स्वतंत्रता सेनानी अध्यापक रामरतन स्मारिका( सन् 2003) वैश्य चेतना वार्षिक स्मारिका (2008) अग्र शक्ति त्रैमासिक पत्र ((2007) श्रीनाथ निशुल्क जल सेवा की स्मारिका तृप्ति (1999) हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग की स्मारिका शब्द सरिता (2010) जनकपुरी महोत्सव, बल्केश्वर स्मारिका (2010) अभा जैसवाल वैश्व बंधु सभा स्मारिका जैसवाल दर्शन (2010) स्वतंत्रता सेनानी अध्यापक रामरतन स्मारिका( सन् 2011) डा.रामअवतार शर्मा अभिनदन ग्रंथ स्मारिका अखिल भारतीय देहदान संस्थान (20120) आबरू ए आशिकी (फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी का गजल संग्रह) सन् 2013 जनकपुरी स्मारिका कमला नगर जन जन के श्रीराम (2013) जनकपुरी स्मारिका (दयालबाग) रोम रोम में राम (2014) बल्केश्वर मन्दिर की स्मारिका (2016 ) बोदला की जनकपुरी की स्मारिका जानकी के प्रभु श्री राम। ( 2017) समाजसेवी श्री अशोक गोयल की 50 वर्षीय अनवरत सेवा यात्रा को समर्पित सेवा दीप ग्रन्थ ( 12 मार्च 2018) मासिक युवक के स्वाधीनता संग्राम विशेषांक का अतिथि सम्पादन ( 12 अगस्त 2018 श्री कृष्णलीला समिति द्वारा प्रकाशित वार्षिक पुस्तिका लीलाजंलि का सह सम्पादन 2018
पुस्तकें- संसार में समाधि (श्वेताबंर जैन आचार्य महोपाध्याय ललित प्रभ सागर के प्रवचनों पर आधारित) (1992) आगरा की स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण भूमिका (1905 से 1942 तक( 12 अगस्त 2018)
प्रकाशक- स्वाधीनता सेनानी स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश अभिनंदन ग्रंथ 15 नबंरबर 1987,जिसे 14 जुलाई 1990 को तत्कालीन राष्ट्रपति महामहिम आर वेंकटरमण को राष्ट्रपति भवन में भेंट किया गया। इससे पूर्व उपराष्ट्रपति डॉ.शंकरदयाल शर्मा को भी उपराष्ट्रपति भवन में जाकर भेंट किया गया था।
उर्मिला के 14 वर्ष (सन् 1950 में करुणेशजी द्वारा लिखित पुस्तक के द्वितीय संकरण का प्रकाशन (2016)
विशेष- हिंदी पत्रकारिता कोष, प्रकाशक इंस्टीट्यूट आफ जर्नलिज्म, नई दिल्ली में पृष्ठ 276 में दर्ज
सम्मान- प्रेस क्लब मथुरा द्वारा पत्रकार प्रभाकर 18 मार्च 1989 मेला दाऊजी महाराज, हाथरस 8 सितंबर 1992 हिंदी लेखक पत्रकार संघ 30 मई 1994 एम फार यू द्वारा मुंबई में फिल्मी और टीवी सीरियल के कलाकारों के साथ अश्वमेधा सम्मान (2014) जापानी संस्था निप्पो नमाजन की ओर से 25 मई 1995 मेला दाऊजी महाराज, हाथरस, 6 सितंबर 1995 जनकपुरी महोत्सव समिति, छीपीटोला, 1996 श्रीरामलीला कमेटी द्वारा 24 अक्टूबर 1996 से लेकर हर वर्ष अखिल भारतीय माथुर वैश्य महासभा, 9 मार्च 1997 स्व.छेदीलाल स्मृति समारोह, 17 जनवरी 1999 जनकपुरी महोत्सव सदर बाजार में सजे जनक मंच पर 23 सितंबर 1995 रामलीला में रामलीला के स्वरूपों द्वारा 2003 संत मोरारी बापू द्वारा ताजखेमा में 8 सितंबर 2003 स्वामी अवधेशानंद गिरी द्वारा, 12 नवंबर 2006 सृजन नाट्य उत्सव में पद्मश्री डा.चिरजीत द्वारा सूरसदन में 12 नवम्बर 2006 रोटरी क्लब के अधिष्ठापन समारोह में होटल क्लार्क शिराज में तत्कालीन मेयर बेबीरानी मौर्य द्वारा 19 जुलाई 1996 प्रदेश के तत्काली वस्त्र एवं हथकरघा मंत्री सरदार सिहं द्वारा सेंट जोंस कालेज में हुए विज्ञान महोत्सव में सम्मानित 29 जुलाई 1996 गायत्री स्कूल में सम्मान, 14 नवंबर 2000 महावीर जयंती समारोह, एमडी जैन इंटर कालेज में 2006 जनकपुरी महोत्सव, नेहरू नगर में जनकमंच पर सिने अभिनेता राजबब्बर द्वारा सम्मानित, सन् 2000 जनकपुरी महोत्सव, जयपुर हाउस में जनकमंच पर सिने अभिनेता राजबब्बर द्वारा सम्मानित 1997 माथुर वैश्य महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सम्मान 2006 बीडी जैन डिग्री कालेज के सेठ अचल सिहं स्मृति समारोह में सम्मान, 2007 हिंंदी पत्रकारिता दिवस पर हम लोग संस्था द्वारा सम्मानित संत विजय कोशल महाराज द्वारा नवंबर 2008 में भागवताचार्य संत देवकीनंदन ठाकुर द्वारा सम्मान 3 सितंबर 2009 ब्रज नाट्य महोत्सव ब्रज की संस्कृति को बढावा देने पर मार्च 2008 ्ब्राइट यूथ आर्गनाईजेशन की ोर से आईजी पुलिस ने सम्मानित किया यूथ हास्टल में एम फॉर यू द्वारा मुम्बई में टीवी, फ़िल्म कलाकारों के साथ अश्वमेधा सम्मान 2014 इंटरनेशनल वैश्य सम्मेलन में वैश्य वैश्य रत्न अवार्ड, इसमें 22 देशों के वैश्य प्रतिनिधि आये थे। वृंदावन में बाँसुरी संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय नृत्य एवं नाट्य समारोह में 25 वर्षीय संस्क्रतिक पत्रकारिता पर नारद मुनि राष्ट्रीय सम्मान 2018 संस्कार भारतीय नाट्य केंद्र द्वारा आगरा में आयोजित राष्ट्रीय नृत्य एवं नाट्य समारोह में राष्ट्रीय पत्रकार के रूप में पण्डित दीनदयाल उपाध्याय अवार्ड 2018
आकाशवाणी मथुरा वार्ता - स्वाधीनता संग्राम में आगरा के बलिदानी वीर, 6 मार्च 1986 धरती का क्षेत्रफल और आबादी का भार 20 सितंबर 1986 नेत्रदान महादान 14 जून 1987 भारतीय साहित्यकारों के आदर्श टैगोर 9 जून 1988
आकाशवाणी आगरा- चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद का विकास 27 दिसंबर 89 समय समय पर समाचार साप्ताहिकी दूरदर्शन की विकास यात्रा. 7 नंवम्बर 2016 पदाधिकारी ताज प्रेस क्लब के सदस्य, कार्यकारिणी सदस्य राष्ट्रीय पत्रलेखक मंच के जिला संयोजक (1987 से 90 तक) दृष्टि संरक्षण समिति (नेत्रदान अभियान के लिए) पांच वर्ष तक संयोजक श्रीकृष्णलीला कमेटी प्रचार मंत्री (1988) सम्प्रति सचिव वैचारिक जागरण मिशन ट्रस्ट के संरक्षक 2014 से ।
आगरा की हिंदी पत्रकारिता में अनवरत 25 वर्ष तक संस्कृति को जीवन्त रखने का श्रेय किसी पत्रकार का जाता है, तो वे हैं आदर्शन नंदन गुप्त। जो 25 साल से लगातार लोकसंंस्कृति, पंरपराओं को जन जन के समक्ष ला रहे हैं।जिससे उन्होंने आगरा सांस्कृतिक पत्रकारिता की दिशा ही बदल दी। देश के तमाम ख्याति प्राप्त अभिनेता, कलाकार, शंकराचार्य और मनीषियों के एक्सक्लूसिव इंटरव्यू उन्होंने लिए हैं। करीब तीन दशक पहले तक समाचार पत्रों में सांस्कृतिक वीट नहींं होती थी। सभी पत्रकार अपने अपने स्तर पर ही यह कार्यक्रम देखते थे। लेकिन आदर्श की रुचि देखते हुए सबसे पहले अमर उजाला ने सन् 1991 में अपने सांस्कृतिक रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी दी। जिसकी शुरुआत में उन्होंने आगरा का पुरातत्व तब और अब शीर्षक से पुरातत्व महत्व की इमारतों पर नियमित स्टोरी लिखीं। जिनकी 21 किश्तें प्रकाशित की गई। इसके बाद नवोदित कलाकार, शहर के प्रतिष्ठित जनों के इंटरव्यू के कालम के साथ साथ सांस्कृतिक रिपोर्रिटंग की। शहर के सभी चर्चों और मंदिरों की स्थितियां देखी, उनके इतिहास लिखे। सूरकुटी, परशुराम का मंदिर रुनकता, पछवाई जैसे तमाम तीर्थ स्थलो को जन जन तक पहुंचाया। अमर उजाला में तत्कालीन सिटी इंचार्ज श्री राजीव दधीच,श्री एसपी सिहं का मार्ग दर्शन रहा। यहां नौ साल तक सेवाएंं दी। सांस्कृतिक पत्रकारिता के क्षेत्र में एक मुकाम पाने के बाद दैनिक जागरण के तत्कालीनन सिटी इंचार्ज श्री आनंद शर्मा ( वर्तमान में कानपुर के वरिष्ठ समाचार संपादक) ने दैनिक जागरण बुला लिया। यहां भी इसी प्रकार धमाकेदार सांस्कृतिक कवरेज दिए जाते रहे। यानि उनकी पत्रकारिता के बाद ही अन्य समाचार पत्रों को सांस्कृतिक वीट बनाने को मजबूर होना पड़ा। 25 साल की पत्रकारिता के दौरान तमाम विभूतियों से एक्सक्लूसिव साक्षात्कार लेने के अवसर मिले। आगरा में पहली बार आई सिने अभिनेत्री एश्वर्य राय का एक्सक्लूसिव साक्षात्कार लिया। इनके अलावा अमिताभ बच्चन से तीन बार इंटरव्यू लिए।विख्यात चित्रकार एमएफ हुसैन, मन्ना डे, हसरत जयपुरी, आशा भोसले, मजरूह सुल्तानपुरी, जावेद अख्तर, कैफ आजमी जैसी दर्जनों महान विभूतियों से इंंटरव्यू लिए। लता मंंगेशकर को छोड़ कर ज्यादातर फिल्मी हस्तियों कलाकार, गायकों से मिल चुके हैं। इन दोनों अखबारों से पूर्व दैनिक स्वराज्य टाइम्स में आदर्श सक्रिय रहे। उसके 1980 2000 तक उसके बाल स्तंभ, बाल स्वराज्य व काव्य गंगा कालम का संपादन किया।इसी दौरान साप्ताहिक स्वराज्य के संपादक मंडल में भी रहे।
प्रेरणा- आदर्श के पिताजी स्व.रोशनलाल गुप्त करुणेश ने सन् 1938 में आशा नाम से एक समाचार पत्र का संपादन किया था। जिसमें अंग्रेजोंे के खिलाफ समाचार प्रकाशित किए जाते थे। सरदार ऊधम सिंह आजाद को ओडायर द्वारा लंदन में गोलियों से उड़ा देने का समाचार करुणेशजी ने आशा के मुख पत्र पर प्रकाशित किया। जिससे संपादक की हैसियत से करुणेश को प्रताड़ना दी गई और अखबार पर प्रतिबंध लगा दिया। एक बम निमार्ण के दौरान गैस लीक होने से उनकी नेत्र ज्योति क्षीण हो गई थी। जिससे आजादी के बाद से जीवन पर्यंत करुणेश जी अपने पुत्रोें को बोल बोल कर समाचार, लेख आदि लिखवाते थे। इसी माहौल से आदर्श को प्रेरणा मिली
Indian Celebritypedia
"बंधुवर रोशन लाल जी गुप्त “करुणेश” को मैं बहुत वर्षों से जनता हूँ और मेरे ह्रदय में उनके त्याग तथा बलिदान के प्रति श्रद्धा भी है. बावजूद तमाम कठिनाइयों के वे अपने ह्रदय के भावों को जनता के सामने रखते रहे हैं और उनके लेखों कि संक्या हज़ार तक पहुँच चुकी है.
करुणेश जी ने क्रांति तथा शांति दोनों पथो पर चल कर देश को पराधीनता से मुक्त करने का प्रयास किया है. वे १९३०-३१ में “बाल भारत” सभा के सदस्य बन गए थे और आगे चल कर १९३१-३२ के आंदोलनों में जेल कि यंत्रणाए सहन की. १९४० में वासुदेव गुप्त व रामप्रसाद भारतीय के सहयोग से “त्रिकंटक दल” की स्थापना कर २७ सितम्बर, १९४० को आगरा के कलक्टर हार्डी पर बम विस्फोट कराया और लगभग डेढ़ वर्ष तक भूमिगत रहे. इस प्रकार एक लम्बे समय तक भारतीय स्वाधीनता संग्राम में अपनी सुख सुविधाओं की आहुति दे कर अपने जीवन को संकट में डालते रहे.
अपने मिशन की सफलता के लिए “आशा” तथा “उषा” आदि पत्रों का संपादन किया और “अर्जुन”, “साप्ताहिक हिंदुस्तान”, “नवभारत टाइम्स”, “अमर उजाला”, “स्वराज्य टाइम्स” तथा अन्य अनेक छोटे-बड़े पत्रों द्वारा अपने विचारों को लेखों के रूप में प्रकाशित करते आ रहें हैं.
करुणेश जी पूज्य महात्मा गाँधी तथा पंडित जवाहरलाल नेहरु आदि महान नेताओं के विरोधिओं के विरोध में आन्दोलन व अनशन करते रहे हैं. पूज्य बापू के नाम का “संवत” चले, इस विषय को लेकर तो एक आन्दोलन ही चलाया था.
देश सेवा की बलिवेदी पर करुणेश जी ने अपना संपूर्ण जीवन सुख ही चढ़ा दिया है. उनकी नेत्र ज्योति ही बम कांड में छतिग्रस्त को गयी थी, जिसे किसी भी प्रकार पुनः प्राप्त न किया जा सका.
रोशन लाल जी ने अपनी नेत्र ज्योति मंद पड़ जाने पर भी लेखन कार्य में कोई बाधा नहीं पड़ने दी. उन्होंने हजारों लेख बोल कर ही लिखाये हैं और इस प्रकार उन्होंने अपने मिशन को जारी रखा है. उनका सैनिक रूप तो प्रशंशनीय है ही, पत्रकार रूप भी अनुकरणीय है. असाधारण बाधाओं के होने पर भी वे तन-मन-धन से अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहे हैं. वे अब तक लगभग ५ हज़ार लेख पत्र पत्रिकाओं में छपवा चुके हैं. वे कवी भी हैं और उनकी प्रेरणा-पद कवितायेँ जनता तक पहुँच भी चुकी हैं.
बनारसीदास चतुर्वेदी( पद्म-विभूषण, डी. लिट., साहित्य वाचस्पति, साहित्य वारिधि, साहित्य मार्तंड)
फिरोजाबाद (जि. आगरा)१ ६ जनवरी, १९८५.
(स्रोत: श्री रोशन लाल गुप्त, करुणेश अभिनंदन ग्रंथ, प्रकाशित – अक्टूबर, १९८७.)
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