जो सबको सुख बांटे, वही वैश्य है जो सबको दु:ख हरे, वही वैश्य है देश की उन्नती और विकास में जैसवाल वैश्य समाज का अमूल्य योगदान रहा है। भारत से अमूल्य भारत तक के सफर में वैश्य समाज के योगदान को भूलाया नहीं सकता। वो गुप्तवंश का साम्राज्य ही था, जब भारत को सोने की चिडिय़ा कहा जाता था। सुख सबको बांटे-दु:ख सबका हरे, इसी विचारधारा को अपनाने वालों को वैश्य कहा जाने लगा था। हम सभी मिलकर अपने संकल्पों को पूरा करने के लिए एक शक्ति के साथ आगे बढ़े।
यह वेबसाइट सभी अर्थों में जैसवाल वैश्य परिवारों के विकास के हेतु बनायीं गई है. इस वेबसाइट के ज़रिये हमारी एक ही सोच है के हम अपने समुदाय को एक करे और मज़बूत बनाये.और जैसवाल वैश्य परिवार जो किसी भी कारन से पीड़ित है उनकी मदद करे. और एक विकास का निर्माण करे.
संस्था का नाम---जैसवाल वैश्य विकास सभा दिल्ली एनसीआर
कार्यालय--पंजीकृत कार्यालय A-25 जितार नगर दिल्ली-110051 तथा दूसरा कार्यालय सी-144 प्रकाश विहार करावल नगर दिल्ली -110094 पर बनाया गया है l
सभा का उद्देश्य--अपने समाज के सर्वांगीण विकास हेतु सभा के निम्नलिखित उद्देश्य होंगे--
1. समाज के आर्थिक शारीरिक एवं शैक्षिक स्तर की उन्नति करना
2. समाज के बंधुओं से संपर्क स्थापित कर के परस्पर ज्ञान एवं प्रेम की वृद्धि करना l
3. समाज में परस्पर प्रेम एकता एवं समानता का व्यवहार करना तथा समाज के विवादों को बातचीत के द्वारा सुलझाना l
4. रूढ़िवादी एवं खर्चीले रस्मों रिवाजों में सुधार करना l
5. समाज की विधवाओं असहायों आदि की सहायता करना तथा निर्धन छात्रों की सहायता करना l
6. समाज में व्याप्त कुरीतियों जैसे मृत्युभोज दहेज प्रथा आदि को दूर करने का यथासंभव प्रयास करना l
7. सामाजिक कार्यों के लिए दान उपहार शुल्क आदि लेना l
8. समाज की सृजनात्मक शक्ति को प्रोत्साहित करना तथा समारोहों में उन्हें पुरस्कृत करना l
समाज का तात्पर्य जैसवाल वैश्य समाज से हैI
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